किस्से वाया मिली-जुली दाल

मम्मी ने आज फिर दाल बना ली। मुझे लगा की सबदाल होगी पर नही थी। दिल टूट गया। सबदाल को हमारे घर पर सबदाल नही मिली-जुली दाल कहते हैं। एक बार विनोद अंकल की दुकान पर गया और बोला कि एक पाव मिली-जुली दाल देदो। अंकल ने एक क्षण रुककर कहा "सबदाल"! उस दिन मैं इस शब्द से परिचित हुआ था। कैसा लगता है न ये शब्दयुग्म मिली-जुली। जैसे मिली-जुली सरकार। एक दिन एक दोस्त कह रहा था "ये मिली-जुली सरकार लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।" उसने मिली-जुली कहा और मेरे मन में मिली-जुली दाल से लबालब भरी कटोरी का चित्र उभरा। मिली-जुली का तत्सम शब्द है मिश्रित। मिश्रित से मुझे याद आता है मिश्रित अर्थव्यवस्था। दसवीं या ग्यारहवीं की कक्षा है। गुप्ता सर मिश्रित अर्थव्यवस्था के बारे में किताब से पढ़ा रहे हैं। मनमोहन सिंह के बारे में बता रहे हैं। मनमोहन सिंह हमारे प्रधानमंत्री हैं यह मुझे पता है। यह पता होना एक उपलब्धि है। इस जानकारी के पीछे भी एक कहानी है। मम्मी की एक सहेली की बेटी को उसके स्कूल वालों ने पंद्रह अगस्त का भाषण सुनने के लिए लाल किले भेजा था। उसे बस इतना करना था कि कॉसट्यूम पहनकर भारत ...